अफ्रीका के सबसे बड़े नियासा संरक्षित वन क्षेत्र में पिछले एक साल में शिकारी एक भी हाथी को नहीं मार सके हैं। उत्तरी मोजांबिक का यह संरक्षित इलाका क्षेत्रफल में स्विटजरलैंड से भी बड़ा है। यह उपलब्धि काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2010 से 2012 के दौरान तीन सालों में अफ्रीका में एक लाख से अधिक हाथी शिकारियों के हाथों मारे गए थे।
शिकारी मुख्यत: हाथी दांत के लिए अधिक उम्र के हाथियों को निशाना बनाते हैं। इस बदलाव की मुख्य वजह इस क्षेत्र में बढ़ी सुरक्षा गतिविधियां हैं। 17 मई 2018 के बाद इस क्षेत्र में किसी हाथी को शिकारियों ने निशाना नहीं बनाया है। इस पूरे इलाके में हवाई व जमीनी पेट्रोलिंग बढ़ाने के साथ सुरक्षा बलों को अधिक अधिकार भी दिए गए हैं।
सुरक्षा बल शिकार के संदेह में किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं। उस पर 72 घंटों के भीतर केस दर्ज कर उसे अभियोजक को सौंपना
होता है। यदि कोई इस क्षेत्र में बंदूक के साथ गिरफ्तार होता है तो यह माना जाएगा कि वह शिकार के मकसद से ही यहां आया था। इसके लिए उसे अधिकतम 16 साल तक की जेल हो सकती है।
इस इलाके की सुरक्षा का जिम्मा अमेरिका के न्यूयॉर्क की वन्य जीव संरक्षण सोसायटी पर है। वह मोजांबिक सरकार के साथ मिलकर इस इलाके का रखरखाव भी करती है। सोसायटी के कंट्री डायरेक्टर जेम्स बाम्पटन ने कहा कि एक साल में कोई भी शिकार न होना बड़ी उपलब्धि है। हालांकि, पहले की संख्या तक लाने में कई साल लगेंगे।
जेम्स ने कहा कि इस इलाके में शिकार पर रोक मोजांबिक के राष्ट्रपति की राजनीतिक इच्छाशक्ति से संभव हो सकी है। पूर्व में लोगों के विरोध की वजह से इस पर सख्त फैसला नहीं लिया। अक्टूबर तक डाटा के मुताबिक, इस क्षेत्र में इस समय करीब 4000 हाथी बचे हुए है। एक साल पहले उनका अनुमान था कि इनकी संख्या सिर्फ दो हजार ही है।
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